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🌾 धान की पराली समाधान

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  धान की पराली प्रबंधन: समाधान, सरकारी मदद व किसान गाइड | खेती-बाड़ी जानकारी धान की पराली समाधान –  सरकारी योजना, किसानों का अनुभव,  सब्सिडी और 2025 की पूरी गाइड |  खेती-बाड़ी जानकारी पराली जलाने की समस्या और चुनौतियां ध्यान दें – सरकारी स्कीम: पराली प्रबंधन के लिए मदद पराली प्रबंधन की जरूरी मशीनें और उनकी सब्सिडी सरकारी योजना में आवेदन कैसे करें? प्राइवेट सर्विसेज और तकनीक का रोल कृषक कहानी: मेरे गांव में पराली समाधान और कमाई कैसे बढ़ी FAQ: किसानों के आम सवाल और जवाब पोस्ट टैग्स – SEO के लिए बेहतर कीवर्ड पराली जलाने की समस्या – किसानों के लिए क्यों बड़ी चुनौती? हर साल धान की कटाई के बाद खेत में बची पराली (stubble) किसानों के लिए सिरदर्द बन जाती है। जलाने पर ना सिर्फ वायु प्रदूषण, मिट्टी की गुणवत्ता और पर्यावरण को नुकसान होता है बल्कि अब सख्त जुर्माना, सब्सिडी कट, और सरकार की कार्रवाही का भी डर है। सरकारी स्रोत (PIB): फसल अवशेष प्रबंधन योजना जानकारी सरकार की पराली समाधान योजनाएं 2025 – किसान कैसे उठाएं अधिक लाभ? भारत सरकार ...

💸 सरकारी सब्सिडी बड़ी, पर किसानों को असली राहत कब?

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किसानों को राहत कब? रबी 2025 सब्सिडी, बाजार रेट और मंडी की असली सच्चाई रबी 2025: सरकारी सब्सिडी बढ़ी, पर किसानों को असली राहत कब? खेतीबाड़ी जानकारी का नया गाइड– केंद्र सरकार ने इस बार रबी सीजन 2025-26 के लिए 37,952 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड फर्टिलाइजर सब्सिडी दी है जो पिछले साल से 14,000 करोड़ ज्यादा है  [सरकारी सूचना] । किसानों को इसका सीधा फायदा मिलना चाहिए, लेकिन क्या ऐसा हो रहा है? क्यों ज्यादातर किसान कहते हैं - "सिर्फ हमारी फसल सस्ती, बाकी सब महंगा!" आइए, जानें पूरी सच्चाई... सरकार ने क्या किया – जानिए सब्सिडी की डिटेल रबी 2025-26 के लिए P&K group fertilizers जैसे DAP, NPKS पर सब्सिडी रेट देखिए [न्यूज़ लिंक] – नाइट्रोजन ₹43.02/kg, फास्फोरस ₹47.96/kg। सरकार ने कुल 37,952 करोड़ रु सब्सिडी के लिए मंजूरी दी [PIB नोट] । मकसद – किसान को खाद सही रेट, सही समय व हर ब्लॉक/जिले में मिले [कृषि विभाग] । मौजूदा जमीनी हकीकत क्या है? पूरा फायदा नहीं: मंडी-महंगी, कटौती, ट्रांसपोर्ट और वितरण गड़बड़ी, खाद की कालाबाजारी – देखें [कृषि समाचार] । लागत का बढ़ना...

💧 ड्रिप सिंचाई 2025 : कम पानी, ज्यादा मुनाफा

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ड्रिप सिंचाई 2025–26: कम पानी, अधिक हरियाली परिचय — बदलती खेती में "ड्रिप सिंचाई" की ताकत आज का खेतीबाड़ी जानकारी गाइड— आज खेती सिर्फ मिट्टी, बीज और मेहनत तक सीमित नहीं रही—अब स्मार्ट टेक्नोलॉजी, विज्ञान और संसाधन बचत वाली तकनीक का दौर है। ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation) किसानों के लिए क्रांतिकारी हथियार है— व्यावहारिक खेती अनुभव की डिटेल गाइड। यह भी पढ़ें –   शीतकालीन सब्जियां (कम लागत, अधिक मुनाफा) ड्रिप सिंचाई क्या है और कैसे काम करती है? यह विधि पाइप, ट्यूब, एमिटर और वाल्व से हर पौधे की जड़ में बूंद-बूंद पानी पहुंचाती है। हर पौधा अपने हिसाब से पौष्टिक पानी लेता है—न पानी बर्बाद, न घास-फूस बढ़े। BAIF-India ड्रिप टेक स्टोरी ड्रिप सिंचाई के मुख्य फायदे — किसान की नजर से पानी की बचत: पारंपरिक तरीकों में जहां कभी 100% पानी बर्बाद हो जाता है, वहीं ड्रिप से 40-60% तक पानी बचता है ( किसान सभा रिपोर्ट )। पैदावार में 20-30% तक बढ़ोतरी: पौधों को लगातार जरूरत अनुसार नमी और पोषण—बेहतर ग्रोथ। वीड व बीमारी पर नियंत्रण: पानी सिर्फ जड़ में, बाकी मिट्टी सूखी—खरपतवार कम। ...

🌿 शीतकालीन सब्ज़ियाँ 2025: पालक, मूली, मटर, गाजर, गोभी से कम लागत में बंपर कमाई

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शीतकालीन सब्ज़ियाँ: अक्टूबर–नवंबर में उगाएँ और तेज़ कमाएँ शीतकालीन सब्ज़ियाँ: अक्टूबर–नवंबर में कौन सी सब्जी उगाएँ और डेढ़ महीने में लाखों कमाएँ? आज खेतीबाड़ी जानकारी पर जानेंगे कि कैसे सर्दियों में पालक, मूली, मटर, गाजर, चुकंदर, सरसों, बंदगोभी, ब्रोकली, शलजम, हरा धनिया जैसी सब्ज़ियां – कम लागत में तेज घाटा भरने वाली फसल बन गई हैं। मौसम के अनुसार बीज, खेत तैयारी, जैविक खाद, कीट मुक्त प्रबंधन और सीधी मंडी बिक्री से हर किसान 45–60 दिन यानी डेढ़ महीने में आमदनी तेजी से बढ़ा सकता है। 1. अक्टूबर–नवंबर में सबसे ज्यादा डिमांड वाली सब्ज़ियाँ पालक, हरा धनिया, मूली, गाजर, मटर, चुकंदर, बाथुआ, मेथी। बंदगोभी, ब्रोकली, फूल गोभी, शलजम, सरसों साग। सर्दी में बुआई के लिए PH 6–7.5, दोमट–बलुई दोमट मिट्टी सही रहती है। 2. बीज चयन, जैविक उपचार और खेत की तैयारी ICAR/KVK प्रमाणित बीज – स्थानीय केंद्र या farmer.gov.in बुवाई से पहले बीज को जैविक ट्राइकोडर्मा, बाविस्टिन या नीमखली से ट्रीट करें। खेत में वर्मी कम्पोस्ट, राख, FYM खाद डालें और मिट्टी soilhealth.dac.gov.in से जांचें। 3. बुवा...

"रबी 2025-26: गेहूं, चना, मटर, मसूर बुवाई की आदर्श तकनीक, बीमारी, मशीनरी व MSP– हर भारतीय किसान के लिए पूरी गाइड"

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रबी 2025-26: गेहूं, चना, मटर, मसूर बुवाई का अखिल भारतीय किसान गाइड रबी 2025-26: गेहूं, चना, मटर, मसूर बुवाई का भारत किसान गाइड परिचय: क्यों है रबी की बुवाई महत्वपूर्ण? रबी फसलें (गेहूं, चना, मटर, मसूर) भारत के हर क्षेत्र की कृषि GDP को मजबूती देती हैं। खेतीबाड़ी जानकारी से पता चलेगा कैसे देशभर के किसान अब traditional तरीकों से आगे बढ़कर वैज्ञानिक और स्मार्ट प्रैक्टिस (बीज गुणवत्ता, मिट्टी जाँच, जागरूक सिंचाई) अपना रहे हैं। सरकार द्वारा DBT सब्सिडी, MSP, मंडी info, minikit का फायदा हर प्रदेश के किसान को एक समान उपलब्ध है। मिट्टी जाँच, PH व तैयारी (All India Common!) सैंपलिंग: खेत में 0-15cm की गहराई से clean soil ले, Soil Health Card पोर्टल से जाँच कराएं। PH अदर्श: गेहूं–चना 6.0–7.5, मटर–मसूर 6.0–7.2 (हर राज्य में यही ideal)। Acidic/Alkaline zones के लिए सुधार – जैविक खाद, Gypsum, Lime अपनाएँ। Field Prep: rotavator, laser leveling, harrow, आखिर में fmb (fine seedbed)—हर स्थिति पर काम करता है। बीज चयन, Processing, और बुवाई विधि यह भी पढ़ें – रबी की फसल बम्...

🌾रबी 2025-26 की बंपर खेती: मिट्टी जांच, जैविक और नैनो खाद से record फसल

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2025-26 मिट्टी परीक्षण, जैविक-नैनो खाद: किसान ROI गाइड  रबी फसल की सफलता का राज़: मिट्टी जांच 2025-26, नैनो व जैविक खाद, regionwise किसान गाइड परिचय: क्यों बदल रही है खेती की तस्वीर? यह भी पढ़ें –   मृदा स्वास्थ्य कार्ड   भारत में मिट्टी स्वास्थ्य, scientific fertilization और real-time कृषि सलाह देश की आर्थिक रीढ़ बन चुके हैं। 2025-26 के रबी सीजन में कृषि-जोनों (UP, महराष्ट्र, पंजाब, बिहार, मध्यभारत) में सबसे तेज़ बदलाव उन्हीं किसानों में दिख रहा है, जिन्होंने crop-specific soil-test, जैविक/नैनो उर्वरक का वैज्ञानिक उपयोग और मंडी/सरकारी registration/advisory को अपनाया। मिट्टी रिपोर्ट, फसल/region के हिसाब से पोषक प्रबंधन, और डायरेक्ट मंडी/ पोर्टल कनेक्शन – यही लगातर बढ़ती लागत, घटती पैदावार और जैविक स्थिरता के जवाब हैं। इस पोस्ट में – हर किसान के लिए step-by-step, regionwise और बिल्कुल updated गाइड, सफल किसान केस व काम की FAQ। मिट्टी जांच – कब, कैसे और regionwise असली फर्क भारत में 2022-2025 के बीच 19 करोड़ से ज़्यादा किसान soil test कार्ड से जुड़े। UP, पंजाब...

डिजिटल मंडी 2026: किसान के लिए नई राह, MSP और ई-नाम की पूरी जानकारी

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2026 में डिजिटल कृषि मार्केटिंग और ई-नाम किसान के लिए नया युग 2026 में डिजिटल खेती 2026 में भारत की कृषि मार्केटिंग में डिजिटल सिस्टम एक पूर्ण बदलाव लेकर आया है। खेती-बाड़ी जानकारी पर आप जानेंगे कैसे ई-नाम पोर्टल द्वारा किसान अब देशभर की 1400+ मंडियों से सीधे जुड़ सकते हैं। ऑनलाइन बिक्री, रियल टाइम मंडी रेट, क्वालिटी टेस्टिंग, और डिजिटल पेमेंट ने छोटे-बड़े सभी किसानों को पारदर्शिता और बेहतर आमदनी दी है। ई-नाम क्या है? राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) सरकार की डिजिटल मंडी सेवा है, जिसमें 1.7 करोड़ किसान रजिस्टर हैं। टमाटर, आलू, हल्दी जैसी फसलों की ऑनलाइन बोली, SMS अलर्ट, और पेमेंट सीधे बैंक में मिलती है। किसान को अब मंडी-मार्केटिंग के लिए दलाल या बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता ( सूचना )। रियल टाइम मंडी रेट, खरीददार का रिव्यू और सब ट्रांसपोर्ट डिजिटली ट्रैक किया जाता है। ग्रेडिंग लैब और फोटो अपलोड से किसान क्वालिटी साबित कर सकते हैं ( सत्य घटना )। UPI, BHIM, DBT जैसे डिजिटल पेमेंट से ट्रांजैक्शन 100% सुरक्षित होता है। 2026 में डिजिटल मंडी के लाभ हर किसान देश में कहीं भ...

🌐 “2026 में डिजिटल खेती: ड्रोन, AI, सरकारी स्कीम से कैसे बदल रही किसानी”

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2026 में डिजिटल खेती : ड्रोन और AI कैसे बढ़ाएंगे फसलों की पैदावार आज भारत के किसान नई डिजिटल खेती और स्मार्ट टेक्नोलॉजी की वजह से अपनी पैदावार, पानी व संसाधनों का बेहतर उपयोग कर रहे हैं। खेतीबाड़ी जानकारी के माध्यम से किसान जानेंगे कैसे AI, ड्रोन, सेंसर और सरकारी योजनाएँ – खेती को सही दिशा और लाभ देने में आगे हैं। मिट्टी की सेहत और सस्टेनेबल खेती   डिजिटल खेती क्या है ? डिजिटल खेती का मतलब है – मोबाइल, ड्रोन, सेन्सर, डेटा-एनालिटिक्स और AI की मदद से खेती करना। किसान मिट्टी/फसल/मौसम डेटा देखकर सही फैसला लेते हैं और सरकारी स्कीम सीधे मोबाइल पर मिल जाती है। ड्रोन और AI टेक्नोलॉजी के फायदे ड्रोन से खेतों में पेस्टिसाइड/फर्टिलाइजर छिड़काव ऑटोमैटिक होता है, लागत और समय दोनों बचता है। AI आधारित ऐप्स बीमारी/नुकसान तुरंत पहचानते हैं, जिससे इलाज भी समय पर मिलता है। किसान मोबाइल/डाटा से बाजार भाव, मौसम, अनुदान, सब्सिडी की जानकारी ले सकते हैं। महिला किसान ड्रोन दीदी योजना  नमो ड्रोन दीदी, पीएम किसान मोबाइल ऐप, e-NAM मार्केट, स्वामित्व योजना टेक्नोलॉजी से जोड़ रही...