🌾 धान की पराली समाधान

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40-45 दिन बाद धान की खेती: घास, रोग, कीट और निगरानी के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

40-45 दिन बाद धान की खेती में ध्यान देने वाली बातें

पोषक तत्वों का उपयोग
सल्फर: 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।
नाइट्रोजन: 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।
पोटाश: 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।

सिंचाई का प्रबंधन:
पानी की गहराई 2-4 इंच तक रखें। सिंचाई को नियमित रूप से और समय पर करें।

घास (वीड्स) का नियंत्रण:

हाथ से निराई: छोटे खेतों में हाथ से घास हटाएं।
हर्बीसाइड्स: MCPA: 1 लीटर प्रति हेक्टेयर।Pretilachlor: 1 लीटर प्रति हेक्टेयर, बुबाई के 7-10 दिन बाद।
रोगों का उपचार:

पत्ता रोग:Copper Oxychloride: 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।Blitox: 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।झंडा रोग:Propiconazole: 1 लीटर प्रति हेक्टेयर।

कीटों का नियंत्रण:
लीफ फोल्डर:Chlorpyrifos: 1 लीटर प्रति हेक्टेयर।Quinalphos: 1 लीटर प्रति हेक्टेयर।
स्टेम बोरर:Cartap Hydrochloride: 1.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।Endosulfan: 1 लीटर प्रति हेक्टेयर।
खेत की निगरानी:
पौधों की नियमित जांच: पौधों की वृद्धि, रंग और स्वास्थ्य की नियमित निगरानी करें।

रोग और कीट की निगरानी: रोग और कीट के संकेतों के लिए खेत की सतत निगरानी करें और समय पर उपचार करें।
जल स्तर की निगरानी: पानी के स्तर की नियमित जाँच करें और आवश्यकतानुसार पानी की मात्रा समायोजित करें।

इन बिंदुओं का पालन करके आप 40-45 दिन के बाद धान की खेती को स्वस्थ और सफलतापूर्वक प्रबंधित कर सकते हैं।

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